कूका आन्दोलन –
कूका आन्दोलन (Kuka andolan) वहाबी आन्दोलन से बहुत कुछ मिलता जुलता आन्दोलन था। दोनों आन्दोलन धार्मिक आन्दोलन के रूप प्रारम्भ हुए किन्तु बाद में ये राजनीतिक आंदोलनों के रूप में परिवर्तित हो गए। इसका प्रारम्भिक उद्देश्य सिक्ख धर्म में प्रचलित बुराइयों और अंधविश्वासों को दूर कर इस धर्म को शुद्ध करना था, परन्तु बाद में यह आन्दोलन राजनीतिक आन्दोलन के रूप में परिवर्तित हो गया, जिसका उद्देश्य अंग्रेजों को यहां से बाहर निकालना था।
कूका आन्दोलन की शुरुआत 1840 ई॰ में भगत जवाहरमल द्वारा की गई। इनका अन्य नाम सेन साहब या सियान साहब था। सेन साहब के अनुयायी बालकसिंह ने अपने अनुयायियों का एक दल गठित किया।
कूका आन्दोलन के सामाजिक सुधारों में जाति और अन्तर्जातीय विवाहों पर लगे प्रतिबंधों को समाप्त करना, मांस और नशीली वस्तुओं का परित्याग शामिल था। पंजाब पर अंग्रेजों की विजय के बाद सिक्ख प्रभुत्ता को पुन: स्थापित करना इस आन्दोलन का मुख्य कार्यक्रम बन गया 1863 में बालकसिंह की मृत्यु के बाद उनके शिष्य रामसिंह कुका के नेतृत्व में विद्रोह ने जोर पकड़ा। राम सिंह कूका को सरकार ने रंगून निर्वासित कर दिया जहां उनकी 1885 में मृत्यु हो गई। इनके साथ के 49 विद्रोहियों की हत्या कर दी गई। रामसिंह द्वारा ही नामधारी आन्दोलन चलाया गया ।
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FAQ
Ques – कूका आंदोलन कहाँ हुआ।
1840 को भैनी साहिब (लुधियाना के निकट ) से आंदोलन की शुरुआत हुई ।
Ques -कूका आन्दोलन कब हुआ
1840 ई॰
Ques -कूका आंदोलन किसने प्रारंभ किया था
कूका आन्दोलन का प्रारम्भ 1840 ई॰ में भगत जवाहरमल द्वारा किया गया ।
Ques – कूका आंदोलन क्या था
कूका आन्दोलन धार्मिक आन्दोलन के रूप प्रारम्भ हुआ किन्तु बाद में यह राजनीतिक आंदोलन के रूप में परिवर्तित हो गया। इसका प्रारम्भिक उद्देश्य सिक्ख धर्म में प्रचलित बुराइयों और अंधविश्वासों को दूर कर इस धर्म को शुद्ध करना था।
Ques – नामधारी आंदोलन की स्थापना किसने की?
रामसिंह द्वारा नामधारी आन्दोलन चलाया गया ।
Ques – भगत जवाहर मल?
kuka andolan की शुरुआत 1840 ई॰ में भगत जवाहरमल द्वारा की गई। इनका अन्य नाम सेन साहब या सियान साहब था।