भारत के राष्ट्रपति कौन है | Bharat Ke Rashtrapati Kaun Hai

भारत का राष्ट्रपति देश का प्रथम नागरिक होता है। अनुच्छेद 53 में कहा गया है कि संघ की कार्यपालिका की शक्ति राष्ट्रपति मे निहित है। राष्ट्रपति कार्यपालिका का अध्यक्ष होता है। भारत का राष्ट्रपति नाम मात्र का प्रमुख राष्ट्रपति होता है लेकिन उसकी शक्तियों का वास्तविक प्रयोग मंत्रिपरिषद के द्वारा किया जाता है जिसका (मंत्रिपरिषद्) प्रधानमंत्री होता है। राष्ट्रपति तीनों सेना का प्रमुख होता है। यह आपातकाल लगाते व हटाने की घोषणा करता है। भारत के राष्ट्रपति का आवास नई दिल्ली में स्थित है जिसका नाम राष्ट्रपति भवत है। यह पांच सालों के लिए चुना जाता है। यह अधिकतम कितनी बार भी चुना जा सकता है। भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ० राजेन्द्र प्रसाद दो बार चुने गये थे। उनके अलावा अभी तक कोई दो बार राष्ट्रपति नहीं चुना गया है

भारत के राष्ट्रपति कौन है(Bharat Ke Rashtrapati Kaun Hai)

वर्तमान में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (25 जुलाई 2022 से) हैं। इन्होने के भारत के 15वें राष्ट्रपति के रूप में पद ग्रहण किया है। इससे पहले वह झारखण्ड की राज्यपाल (2015 से 2021 तक ] थी। इनका जन्म 20 जून 1958 को बैदापोसी गांव, मयूरभंज, उडीसा में हुआ था। ये संभाली आदिवासी परिवार से संबंधित हैं। उन्होंने रामादेवी महिला कालेज, भुनेश्वर से कला में स्नातक की डिग्री प्राप्त की है। ये अपने गांव में कालेज की शिक्षा प्राप्त करने वाली प्रथम महिला थी। इन्हो ने उड़ीसा सरकार के सिंचाई और बिजली विभाग में एक कनिष्क सहायक के रूप में कार्य किया है। इसके अलावा उड़ीसा सरकार में विभिन्न पदों पर आसीन रहीं ।

भारत के राष्ट्रपति कौन हैं | Bharat Ke Rashtrapati Kaun Hai
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

राष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है  (Rashtrapati Ka Chunav Kaise Hota Hai)

निर्वाचन की प्रक्रिया (अनुच्छेद 55) – राष्ट्रपति के निर्वाचन की प्रक्रिया आनुपातिक प्रतिनिधित्व की एकल संक्रमणीय मत पद्धति के द्वारा गुप्त मतदान होता ही।

अनुच्छेद 54 के अनुसार राष्ट्रपति का चुनाव जनता के द्वारा परोक्ष (अप्रत्यक्ष ) रूप से एक निर्वाचक मण्डल के माध्यम से किया जाता है। जिसमे लोकसभा के निर्वाचित सदस्य, राज्य सभा के निर्वाचित सदस्य, राज्य विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्य तथा केंद्र शासित प्रदेशों में दिल्ली तथा पुडुचेरी की विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्य सम्मलित होते हैं। अर्थात लोकसभ + राज्य सभा + विधान सभा + दिल्ली + पुडुचेरी के निर्वाचित सदस्य निर्वाचन में सम्मलित होते हैं।

Note:-

  • मनोनीत सदस्य तथा राज्य विधान परिषदों के सदस्य राष्ट्रपति के चुनाव में भाग नहीं लेते हैं।
  • 70 वें संविधान संशोधन अधिनियम 1992 के माध्यम से दिल्ली तथा पुडुचेरी को राष्ट्रपति के निर्वाचक मण्डल में राज्य के रूप में शामिल किया गया।

कार्यकाल (अनुच्छेद-56) – राष्ट्रपति सामान्यत: 5 वर्ष के लिए चुना जाता है परंतु वह अपना त्याग पत्र देकर पहले भी पद से मुक्त हो सकता है। भारतीय संविधान में राष्ट्रपति के पुर्ननिर्वाचन पर कोई प्रतिबन्ध नहीं लगाया गया है। अर्थात कोई भी व्यक्ति भारत में असीमित बार राष्ट्रपति पद को धारण कर सकता है। भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ० राजेन्द्र प्रसाद दो बार चुने गये थे। उनके अलावा अभी तक कोई दो बार राष्ट्रपति नहीं चुना गया है।

योग्यता (अनुच्छेद-58) –

  • भारत का नागरिक हो।
  • उसकी आयु 35 वर्ष पूर्ण हो चुकी हो।
  • वह लोक सभा सदस्य बनने की योग्यता रखता हो।
  • किसी भी लाभ के पद पर न हो।

राष्ट्रपति के लिए निर्वाचक मंडल के 50 सदस्य प्रस्तावक के रूप में तथा 50 सदस्य समर्थक के रूप में आवश्यक है एवं इस पद की जमानत राशि 15000 रु निर्धारित की गई है।

शपथ (अनुच्छेद-60) – उच्चतम् न्यायालय के मुख्य न्यायधीश अथवा उसकी अनुपस्थिति में उपातम् न्यायालय के परिष्ठतम् न्यायधीश के द्वारा राष्ट्रपति को संविधान तथा विधि के संरक्षण की शपथ प्रदान की जाती है।

वेतन –राष्ट्रपति पद ग्रहण से प्रतिमाह 5 लाख वेतन, भत्ता, चिकित्सा, यात्राएं आदि सुविधा मिलती हैं।

राष्ट्रपति पर महाभियोग (Rashtrapati Par Mahabhiyog)

अनुच्छेद 61 के अनुसार राष्ट्रपति को संविधान के अतिक्रमता के आधार पर 14 दिन की पूर्व सूचना देकर पद से हटाने के लिए महाभियोग का संकल्पना लाया जा सकता है। राष्ट्रपति के विरुद्ध महाभियोग संसद के किसी भी सदन में प्रस्तावित किया जा सकता है। महाभियोग संकल्पना लाने के लिए सदन के कुल सदस्यों के 1/4 सदस्यों तथा उसे पारित करने के लिए सदन के कुल सदस्यों के 2/3 बहुमत की आवश्यकता होती है।

यदि एक सदन से महाभियोग का संकल्प पारित हो जाता है तो दूसरे सदन में उसकी जांच की जाती है जहां पर राष्ट्रपति स्वयं व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर या अपने किसी मध्यस्थ के माध्यम से अपना बचाव कर सकता है। राष्ट्रपति के द्वारा अपना पक्ष रखने के बावजूद यदि दूसरे सदन के द्वारा अपने कुल सदस्यों के 2/3 बहुमत से महाभियोग का संकल्प पारित कर दिया जाता है तो उस तारीख से राष्ट्रपति के पद पर आसीन व्यक्ति का पद समाप्त हो जाता हो जाता है। अभी तक किसी भी भारतीय राष्ट्रपति के विरुद्ध महाभियोग का संकल्प पारित नहीं हुआ ही। महाभियोग एक अर्द्ध न्यायिक प्रक्रिया है जिसे न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती है।

नोट- महाभियोग की प्रक्रिया लोक सभा तथा राज्य सभा के निर्वाचित एवं मनोनीत सभी सदस्य शामिल होते ही

राष्ट्रपति के पास शक्तियां (Rashtrapati Ke Pass Shaktiyan)

कार्यपालिका शक्ति 

भारत का राष्ट्रपति कार्यपालिका का प्रमुख होता है। भारत के सरकार के समस्त कार्यों का संचालन राष्ट्रपति के नाम से किया जाता है। राष्ट्रपति प्रधानमंत्री से शासन के सम्बन्ध में सूचना प्राप्त कर सकता है तथा प्रधानमंत्री का यह कर्तव्य है कि वह राष्ट्रपति को समस्त प्रशासन संबंधी सूचनाएं उपलब्ध करवाए। समस्त केन्द्र शासित प्रदेशों का शासन राष्ट्रपति के नाम से किया जाता है। राष्ट्रपति के द्वारा महत्वपूर्ण नियुक्तियां की जाती है जैसे- प्रधानमंत्री, राज्यों में राज्यपाल, उच्चतम तथा उच्च न्यायालय के न्यायधीश, महान्यायवादी, नियंत्रक तथा महालेखा परिक्षक, इत्यादि ।

विधायी शक्तियां

राष्ट्रपति के द्वारा राज्य सभा में 12 सदस्यों को मनोनीत किया जाता है। जिनका संबंध विज्ञान, साहित्य कला, समाज सेवा आदि क्षेत्रों से होता है। अनुच्छेद 85 के अनुसार राष्ट्रपति को संसद के सत्र को आहूत करने, उसका सत्रावसान करने तथा लोक सभा को विघटित करने की शक्ति प्राप्त है। वह संसद में अभिभाषण जारी करने तथा संदेश भेजने का अधिकार प्राप्त है। राष्ट्रपति संसद में साधारण विधेयक को लेकर दोनों सदनों में गतिरोध की स्थिति में संयुक्त बैठक बुलाता है। जिसकी अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष (स्पीकर) के द्वारा की जाती ही। अनुच्छेद 123 के अनुसार जब संसद सत्र में न हो तथा ऐसी परिस्थिति विद्यमान हो गई हो कि किसी भी कानून का निर्माण आवश्यक हो गया हो तो राष्ट्रपति को अध्यादेश जारी करने की शक्ति प्राप्त है जिसकी अधिकतम अवधि 6 माह तक तथा सत्र आयोजित होने पर 6 सप्ताह तक बनी रहती है।

न्यायिक शक्तियां 

ऐसी विषय जिसका सम्बन्ध संघ की कार्यपालिका शक्ति के विस्तार से हैं, कि -शक्तियां प्राप्त है। जैसे-

क्षमादान – अपराधी को पूर्ण रूप से माफ करना ।

लघुकरण – इसके अन्तर्गत दण्ड की मात्रा तथा प्रकृति दोनों में परिवर्तन किया जाता है अर्थात एक प्रकार के दण्ड के स्थान पर उसे दूसरा हल्का दण्ड प्रदान किया जाता है। जैसे – कठोर कारावास को साधारण कारावा में बदलना।

परिहार – दण्डादेश की मात्रा को उसकी प्रकृति में परिवर्तन किए बिना कम करना । जैसे- 5 वर्ष के कठोर कारावास को 3 वर्ष का कठोर कारावास करना।

विराम – किसी विशेष कारणों से दण्ड की कठोरता को कम करना। जैसे- किसी गर्भवती महिला की मृत्युदण्ड की सजा को साधारण कारावास में बदलना ।

निलम्बन – मृत्यु दण्ड का अस्थायी रूप से निलम्बन करना अर्थात राष्ट्रपति के निर्णय आने तक दण्ड को रोकता।

नोट – राष्ट्रपति क्षमादान की शक्ति का प्रयोग मंत्रिपरिषद के परामर्श से करता है। जिसकी न्यायालय के द्वारा समीक्षा की जा सकती है।

वित्तीय शक्तियां 

राष्ट्रपति के नाम से प्रतिवर्ष बजट प्रस्तुत किया जाता है। इन्ही की पूर्व अनुमति से समस्त धन विरोधक लोकसभा में रखे जाते हैं।अकास्मिक निधि पर राष्ट्रपति का नियंत्रण होता है। राष्ट्रपति के द्वारा प्रत्येक पाँच वर्ष पर वित्त आयोग का गठन किया बाता है।

सैन्य शक्तियां 

राष्ट्रपति तीनों सेनाओं का सर्वोच्च सेनापति होता है एवं इस कारण तीनों सेनाओं के प्रमुखों की नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा की जाती है। संसद की सहमति से राष्ट्रपति के द्वारा ही युद्ध की उद‌घोषणा की जाती है।

वीटों शक्तियां

1. पूर्ण निषेधाधिकार – इसके अन्तर्गत राष्ट्रपति विधेयक पर अनुमति देने से इंकार कर देता है। तथा इसका प्रयोग राष्ट्रपति के द्वारा गैर-सरकारी विधेयकों पर किया जाता है। जैसे 1954 में राजेद्र प्रसाद ने पेप्सू विधेयक पर प्रयोग किया था।

2. विलम्बन कारी निषेधाधिकार – इसके अन्तर्गत राष्ट्रपति विधेयक को पुनः विचार के लिए लौटा सकता है।

3. जेबी निषेधाधिकार ( जेबी वीटो ) – इसके अन्तर्गत राष्ट्रपति न तो विधेयक पर सहमति प्रदान करता है तथा न ही सहमति देने से इनकार करता है। अर्थात विधेयक राष्ट्रपति के पास सुरक्षित पड़ा रहता है।

जैसे- 1986 में डॉकघर विधेयक पर राष्ट्रपति ज्ञानीजैल सिंह के द्वारा जेबी निषेधाधिकार का प्रयोग किया गया।

आपात कालीन शक्तियां

1. राष्ट्रीय आपात ( अनुच्छेद 352 ) –

अनुच्छेद 352 के अनुसार राष्ट्रपति राष्ट्रीय आपात की उद्‌घोषणा सम्पूर्ण देश अथवा उसके किसी भी भाग में की जा सकती है। राष्ट्रीय आपात लगने के लिए युद्ध काल, बाह्य आक्रमण, सशस्त्र विद्रोह की परिस्थितियां आवश्यक है।

2. राष्ट्रपति शासन (अनुच्छेद 356)-

एक राज्य अथवा कई राज्यों में एक साथ राष्ट्रपति शासन की उद्‌घोषणा की जा सकती है। राष्ट्रपति शासन की आवश्यक परिस्थितियां राज्य का संवैधानिक तंत्र विफल होना अथवा राज्य का शासन संविधान के अनुसार संचालित नहीं होना आवश्यक है।

3. वित्तीय-आपात (अनुच्छेद 360)-

यदि देश के वित्तीय स्थायित्व या साख को खतरा पहुँचा हो या आशांका हो तो कार्यपालिका के सामान्य परामर्श पर राष्ट्रपति के द्वारा वित्तीय आपात की उदघोषणा की जाती है।

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अब तक के भारत के राष्ट्रपतियों की सूची

क्रमांक राष्ट्रपति के नाम कार्य-काल का समय राजनीतिक पार्टी
1 डॉ राजेंद्र प्रसाद 1950-1962 भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस
2 डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन 1962-1967 स्वतंत्र
3 डॉ जाकिर हुसैन 1967-1969 स्वतंत्र
4 वी.वी गिरी 1969-1974 स्वतंत्र
5 फखरुद्दीन अहमद 1974-1977 भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस
6 नीलम संजीवा रेड्डी 1977-1982 जनता पार्टी
7 ज्ञानी जैल सिंह 1982-1987 भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस
8 रामास्वामी वेंकटरमण 1987-1992 भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस
9 डॉ शकर दयाल शर्मा 1992-1997 भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस
10 के आर नारायण 1997-2002 स्वतंत्र
11 ए पी जे अब्दुल कलाम 2002-2007 स्वतंत्र
12 श्रीमती प्रतिभा पाटिल 2007-2012 भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस
13 प्रणव मुखर्जी 2012 से 2017 भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस
14 रामनाथ कोविंद 2017 से 2022 भारतीय जनता पार्टी
15 द्रौपदी मुर्मू 2022 से…… भारतीय जनता पार्टी

राष्ट्रपति बनते ही क्या मिलेंगी सुविधाएं

भारत का राष्ट्रपति बनने के बाद नई दिल्ली में सरकारी आवास की सुविधा प्राप्त होती है। साथ ही प्रतिमाह 5 लाख वेतन, भत्ता, चिकित्सा, यात्राएं आदि सुविधा मिलती हैं। राष्ट्रपति के साथ सुरक्षा गार्ड में बाडीगार्ड और महंगी गाडिया भी उपलब्ध होती ही।

राष्ट्रपति के रिटायरमेन्ट के बाद मिलने वाली सुविधाएँ.

राष्ट्रपति के रिटायरमेन्ट के बाद, उसे जब तक जीवित है वेतन उपलब्ध कराया जाता है। साथ ही सरकारी आवास आदि उपलब्ध कराया जाता है।

FAQ

Ques – भारत के राष्ट्रपति कौन है 2022 in Hindi?

वर्तमान में भारत का राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (25 जुलाई 2022 से) हैं। इन्होने के भारत के 15वें राष्ट्रपति के रूप में पद ग्रहण किया है।

Ques -भारत के उप राष्ट्रपति अभी कौन है?

वर्तमान मे भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ हैं।

Ques -भारत के पहले राष्ट्रपति कौन है?

भारत के पहले राष्ट्रपति के पद पर डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की नियुक्ति 26 जनवरी 1950 को हुई।

Ques -भारत के प्रथम राष्ट्रपति महिला कौन है?

भारत की प्रथम महिला राष्ट्रपति प्रतिभा देवीसिंह पाटिल है। वे 2007 से 2012 तक इस पद पर रहीं हैं।

Ques -राष्ट्रपति कितने वर्ष तक रहते हैं?

राष्ट्रपति सामान्यत: 5 वर्ष के लिए चुना जाता है परंतु वह अपना त्याग पत्र देकर पहले भी पद से मुक्त हो सकता है।

Ques -भारत के राष्ट्रपति की नियुक्ति कौन करता है?

भारत के राष्ट्रपति की नियुक्ति सर्वोच्य न्यायालय का मुख्यन्याधीश करता है।

Ques -क्या भारत में राष्ट्रपति दो बार चुने जा सकते हैं?

भारतीय संविधान में राष्ट्रपति के पुर्ननिर्वाचन पर कोई प्रतिबन्ध नहीं लगाया गया है। अर्थात कोई भी व्यक्ति भारत में असीमित बार राष्ट्रपति पद को धारण कर सकता है। भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ० राजेन्द्र प्रसाद दो बार चुने गये थे। उनके अलावा अभी तक कोई दो बार राष्ट्रपति नहीं चुना गया है।

Ques -राष्ट्रपति को इंग्लिश में क्या कहा जाता है?

राष्ट्रपति को इंग्लिश में प्रेसिडेंट (president) कहते हैं।

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