Tiger Reserve In Hindi | बाघ परियोजना

टाइगर शब्द की उत्पत्ति ग्रीक भाषा के टाइगरिस शब्द से हुई है। एनिमल प्लेनेट ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि मानव का सबसे पसंदीदा जानवर बाघ है। बाघ को ”बिग कैट” भी कहा जाता है। बाघ वैज्ञानिक नाम पैंथेरा टाइग्रिस है। विश्व में सर्वाधिक बाघों की संख्या भारत में पाई जाती है। 1969 में अंतरराष्ट्रीय प्राकृतिक एवं संसाधन संरक्षण संघ IUCN के 10वें अधिवेशन में कहा गया कि बाघों को संपूर्ण सुरक्षा दी जाए। आज हम Tiger Reserve In Hindi के बारे में विस्तार से जानेंगे।

Tiger Reserve In Hindi | बाघ परियोजना

भारत में बाघ परियोजना (प्रोजेक्ट टाइगर)

भारत में पहली बार बाघों की गणना 1972 में की गई थी। 1 अप्रैल 1973 ई॰ को जिम कार्बेट नेशनल पार्क, उत्तराखंड (सबसे पुराना) राष्ट्रीय उद्यान में बाघ परियोजना की शुरुआत की गई। वर्तमान समय, 2022 तक 18 राज्य में 53 बाघ संरक्षण उद्यान है जिनके तहत देश के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 2.08% क्षेत्र अच्छादित है । क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का सबसे बड़ा आरक्षित क्षेत्र नल्ला मलाई में स्थित नागार्जुनसागर (आंध्रप्रदेश) है। क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का सबसे छोटा बाघ आरक्षित क्षेत्र पेंच (महाराष्ट्र) है। विश्व का सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित बाघ आरक्षित क्षेत्र नामदफा है जो कि अरुणाचल प्रदेश में स्थित है। काजीरंगा विश्व में सर्वाधिक बाघ घनत्व वाला राष्ट्रीय पार्क है।

नोटराजस्थान का गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान 53वां सबसे नया है। 

मध्य प्रदेश को टाइगर रिजर्व क्यों कहा जाता है?

भारत में मध्य प्रदेश को टाइगर रिजर्व स्टेट कहा जाता है क्योंकि मध्यप्रदेश में देश के कुल बाघों की संख्या के लगभग एक तिहाई  बाघ पाए जाते हैं। मध्यप्रदेश के वन विहार नेशनल पार्क में सफेद बाघ का संरक्षण किया जा रहा है। 2009 में इस राष्ट्रीय उद्यान में आम लोगों के हृदय में वन्य प्राणियों को गोद लेने की योजना की शुरुआत की गई। मध्यप्रदेश में हर वर्ष नवंबर महीने में मोगली महोत्सव मनाया जाता है जिसका मकसद बच्चों में प्राकृतिक से सरोकार, और अपनत्व की भावना विकसित करना है।

अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस

29 जुलाई को हर वर्ष अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस मनाया जाता है। जिसका प्रमुख उद्देश्य वैश्विक स्तर पर बाघों के संरक्षण तथा विलुप्त हो रहे बाघों के बारे में जागरूक करना है। इस तरह की जागरूकता के चलते पिछले कुछ सालों में बाघों की संख्या तेजी से बढ़ी है। भारत में करीब 8 वर्षों में बाघों की संख्या पहले से दुगुना हो चुकी है। वर्तमान समय में भारत में बाघों की संख्या 2967 है जो की विश्व में सर्वाधिक है।

बाघ वर्ष

वर्ष 2010 को भारत सरकार ने 12 वर्ष के रूप में मनाया। बाघ संरक्षण की दिशा में अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित करने के उद्देश्य से फरवरी-नवंबर 2010 के दौरान पर्यावरण मंत्रालय के द्वारा बाघ दिवस मनाया गया।

बाघ की प्रजातियां

बाघ की विश्व में कुल 9 प्रजातियां पाई जाती थी किंतु वर्तमान समय में 6 प्रजाति ही विद्यमान हैं-

  1. बंगाल टाइगर –बंगाल टाइगर मुख्यतः भारत, नेपाल, बांग्लादेश, भूटान में पाई जाती हैं।
  2. इंडोचाइनीस टाइगर -यह मुख्यतः कंबोडिया, चीन, लाओस, म्यांमार, थाईलैंड एवं वियतनाम में पाए जाते हैं।
  3. मलायान टाइगर -यह मुख्यतः मलय प्रायद्वीप के दक्षिणी भागों में पाए जाते हैं।
  4. सुमात्रा टाइगर -यह केवल इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप में ही पाए जाते हैं।
  5. साइबेरियन टाइगर इसे अमूल टाइगर के नाम से भी जाना जाता है यह साइबेरिया के विभिन्न भागों में पाए जाते हैं।
  6. दक्षिणी चीन टाइगर -इन्हें एमाय अथवा झियामेन टाइगर के नाम से भी जाना जाता है।

टाइगर मैन ऑफ इंडिया

वर्ष 1992 में पदम श्री से अलंकृत राजस्थान के कैलाश सांखला भारत में बाघों पर किए गए कार्यों से जाने गए और उन्हें टाइगर मैन आफ इंडिया के नाम से जाना गया । वर्ष 1973 में शुरू किए गए प्रोजेक्ट टाइगर का नेतृत्व सांखला ने ही किया था।

भारत में बाघ आरक्षित क्षेत्र ( Tiger Reserve In Hindi) 

क्रम राज्य बाघ आरक्षित क्षेत्र 
1. असम
  • काजीरंगा
  • मानस
  • ओरांग
  • नामेरी

2.

अरुणाचल प्रदेश
  • नामदफा
  • कामलांग
  • पक्के

3.

आंध्र प्रदेश
  • नागार्जुन -सागर-श्रीसेलम
4. झारखंड
  • पलामू
5. केरल
  • पेरियार
  • पारम्बिकुलम

6.

छत्तीसगढ़
  • अचानकमार
  • इंद्रावती
  • उदन्ती
7. बिहार
  • वाल्मिकी
8. कर्नाटक
  • नगरहोल
  • भद्रा
  • बिलीगिरी
  • बंदीपुर
9. तेलंगाना
  • कावल
10. मध्यप्रदेश
  • बांधवगढ़
  • पन्ना
  • पेंच
  • कान्हा
  • सतपुड़ा
  • संजय धुबरी
11. मिजोरम
  • डंपा
12. महाराष्ट्र
  • पेंच (नोट – पेंच, महाराष्ट्र तथा मध्यप्रदेश दोनों राज्यों मे विस्तृत है )
  • मेलघाट
  • सहद्री
  • बोर
  • नागजिरा
  • तदोबा
13. उत्तर प्रदेश
  • पीलीभीत
  • राजाजी
  • अमानगढ़
  • दुधवा

14.

राजस्थान
  • सरिस्का
  • रणथंभौर
  • मुकुंदरा हिल्स
15. उतराखंडा
  • जिम कार्बेट
16. उड़ीसा
  • सिमलीपाल
  • सतकोसिया
17. तमिलनाडू
  • अन्नामलाई
  • मदुमलाई
  • कालकड़
  • सत्यमंगलम
18. पश्चिम बंगाल
  • बुक्सा
  • सुंदरवन

 

भारत में बाघों की संख्या

भारत में बाघों की कुल संख्या 2,967 है, विभिन्न राज्यों में बाघों की संख्या निम्नलिखित है 

क्रम राज्य बाघों की संख्या
1. मध्य प्रदेश 526
2. कर्नाटक 524
3. उत्तराखण्ड 442
4. महाराष्ट्र 312
5. तमिलनाडु 264
6. असम 190
7. केरल 190
8. उत्तर प्रदेश 173
9. राजस्थान 91
10. पश्चिम बंगाल 88
11. आंध्र प्रदेश 48
12. बिहार 31
13. अरुणाचल प्रदेश 29
14. ओडिशा 28
15. छत्तीसगढ़ 19
16. झारखंड 5
17. गोवा 3

 

बाघ के लुप्तप्राय होने के कारण 

मानव अपनी सुविधाओं के लिए वनों को काट रहा है। जिस कारण बाघों तथा अन्य जानवरों के आवास खत्म हो रहें हैं। बाघों का शिकार कर के उनके खाल, नाखून, दांत, तथा हड्डियों को बाज़ारों मे बड़ी कीमत कर बेचा जा रहा है। सरकार के द्वरा बने कड़े क़ानूनों की अनदेखी की जा रही है। जब तक खुद हम ये नही समझेंगें की बाघों तथा अन्य जानवरों का महत्व हमारे लिए कितना है तब तक इनका शिकार बंद नही होगा।


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बाघ परियोजना कब शुरू हुई

1 अप्रैल 1973 ई॰ को जिम कार्बेट नेशनल पार्क, उत्तराखंड (सबसे पुराना) राष्ट्रीय उद्यान में बाघ परियोजना की शुरुआत की गई।

भारत में बाघ परियोजना कितनी है

वर्तमान समय, 2022 तक 18 राज्य में 53 बाघ संरक्षण उद्यान है जिनके तहत देश के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 2.08% क्षेत्र अच्छादित है ।

बाघ संरक्षण अधिनियम

बाघ संरक्षण अधिनियम वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के प्रावधानों के सक्षम गठित किया गया है। 

बाघ संरक्षण परियोजना

भारत में पहली बार बाघों की गणना 1972 में की गई थी। 1 अप्रैल 1973 ई॰ को जिम कार्बेट नेशनल पार्क, उत्तराखंड (सबसे पुराना) राष्ट्रीय उद्यान में बाघ परियोजना की शुरुआत की गई।

राजस्थान में बाघ परियोजना कितनी है 2022

वर्तमान समय, 2022 तक 18 राज्य में 53 बाघ संरक्षण उद्यान है। बात करें राजस्थान की तो 2022 तक 91 बाघ परिजना हैं।

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