Bachpan Bachao Andolan | बचपन बचाओ आन्दोलन

बचपन बचाओ आन्दोलन –

वह रे प्रकृति तेरे खेल निराले हैं, कोई मेहनत करके भी अपने परिवार का भरण-पोषण करने में असमर्थ रहता है, दूसरी ओर कोई बिना कुछ किए ही अमीर माता-पिता के बच्चे आराम ऐश्वर्य की चीजों पर असंख्य पैसा खर्च करते हैं। निर्धन माता-पिता अपने दूध-मुंहे बच्चों को भर पेट भोजन की भी व्यवस्था नहीं करा पाते। वे बचपन में ही गुलामी और दासता का जीवन जीने के लिए मजबूर होते हैं। माता-पिता द्वारा उन्हें बचपन में ही बेच दिया जाता है। वह बेचारे भीख मांगने, बाल-श्रम, शोषण, वेश्यावृत्ति जैसी घिनौनी करतूतों के शिकार बनते हैं। ऐसे निर्धन बालक-बालिकाओं का जीवन बचाने के लिए कैलाश सत्यार्थी ने बचपन बचाओ आन्दोलन (bachpan bachao andolan) चलाया।

कैलाश सत्यार्थी ने भ्रमण में अनुभव किया कि समाज में बाल मजदूरी, बाल शोषण, यौन शोषण, अशिक्षा, भिक्षावृत्ति व गुलामी में बच्चे न तो अपना बचपन ही खुशी से जी पाते है बल्कि वे बचपन की समस्त खुशियों से वंचित रह जाते हैं। बढ़ती औद्योगिकरण की दौड़ में ऐसे कमजोर, निर्धन माता-पिता की स्थिति का लाभ उठाकर धनवान लोग उन्हें धन का लालच देकर उनके बच्चों को खरीद लेते हैं। ऐसे बालक-बालिकाएं बाल शोषण का शिकार बनते हैं।

बचपन बचाओ आन्दोलन के अपने मिर्जापुर प्रवास के दौरान कैलाश सत्यार्थ ने अनेक ऐसे बच्चों की दीन स्थिति को देखा। नन्हे-मुन्हें छोटे-छोटे बच्चों को चौबीसों घंटे कार्य करने के लिए मजबूर किया जाता है। इसके बदले में उन्हें भरपेट भोजन तो दूर की बात है बल्कि उल्टा उन्हें पीटा भी जाता है ।

आंदोलन का प्रारम्भ –

कैलाश सत्यार्थी ने सन् 1980 से बचपन बचाओ आन्दोलन की शुरुआत कर के आरक्षित, अशिक्षित, शोषित, पीडित, बालक-बालिकाओं की मुक्ति हेतु उनकी सेवा में अपना जीवन समर्पित कर दिया। भारत भ्रमण करते हुए देश के प्रत्येक सांसद के पास जाकर बाल शोषण के खिलाफ आवाज बुलंद की।

बाल शोषण के खिलाफ आवाज उठाने पर उन्हें अनेक बार लाठी-डंडों द्वारा पीटा गया यहां तक कि उनके सहयोगी साथियों को पीट-पीटकर समर्थ लोगों ने मौत के घाट उतार दिया किंतु हिम्मत नहीं हारी और बाल मुक्ति दूत बनकर अपने मिशन को पूर्ण करने में न केवल भारत अपितु विश्व के अनेक देशों में इस आन्दोलन को आगे बढानें में सक्रिय योगदान दिया। इस कार्य के प्रोत्साहन स्वरूप उन्हें संयुक्त राष्ट्र द्वारा, संयुक्त रूप से नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

Bachpan Bachao Andolan | बचपन बचाओ आन्दोलन

 

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FAQ

Ques – बचपन बचाओ आंदोलन के प्रणेता कौन है?

बालक-बालिकाओं का जीवन बचाने के लिए कैलाश सत्यार्थी ने बचपन बचाओ आंदोलन चलाया।

Ques -बचाओ आंदोलन का उद्देश्य क्या था?

आरक्षित, अशिक्षित, शोषित, पीडित, बालक-बालिकाओं को समाज में बाल मजदूरी, बाल शोषण, यौन शोषण, अशिक्षा, भिक्षावृत्ति व गुलामी में से दूर किया जाए ।

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