दुःख का पर्यावाची शब्द | Dukh Ka Paryayvachi Shabd

दोस्तों आज हम दुख का पर्यावाची शब्द (Dukh Ka Paryayvachi Shabd ) हिन्दी तथा संस्कृत में जानेगें। बात करें पर्यावाची की तो सामान्यतः जिस भी परिक्षा के पाठ्यक्र में हिन्दी विषय होता है, पर्यावाची जरूर पूछा जाता है। आज हम दुख के पर्यावाची का गहन अध्ययन करेंगे। पर्यावाची को समानार्थी भी कहते हैं।

दुःख का पर्यावाची शब्द Dukh Ka Paryayvachi Shabd

दुःख का पर्यावाची शब्द (Dukh Ka Paryayvachi Shabd)

  • कष्ट
  • परेशानी
  • तकलीफ
  • अवसाद
  • क्लेश
  • विपदा
  • अशांति
  • व्यथा
  • शोक
  • संताप
  • मातम
  • पीर
  •  खेद
  • विपत्ति
  • संकट
  • संताप
  • विषाद
  • गम
  • दुख

दुःख के पर्यावाची संस्कृत में –

  • पीड़ा:
  • दर्द:
  • पीर
  • क्लेश
  • दुःख
  • अवसाद
  • कष्ट:
  • खेद
  • गम

‘द’ वर्ण से शुरू होने वाले पर्यावाची

» दीपावली – दीपोत्सव, दीपमाला, दीवाली, दीपमालिका ।

» धनन्जय – श्वेतवाहन, पार्थ, अर्जुन, वीभत्सु, कौन्तेय, गाँडीवधर, गुडाकेश, सव्यसाची ।

» दूध – गोरस, पीयूष, दुग्हा, पय ।

» दामिनी – विजय, चंचला, इन्द्रवज्र, तड़ित, चपला, प्रभा, विद्युत, क्षणप्रभा, अशनि, करका, गाज़ ।

» दर्शन – भेंट, आमना-सामना, साक्षात्कार, मुलाकात।

» दुर्गा – दुर्गभा, चंडिका, चंडी, भगवली, कल्याणी, कुमारी, सुभद्रा, नारायणी, महागौरी,

» द्रौपदी – याज्ञसेनी, द्रुपदसुता, सैरंधी, पांचाली, कृष्णा।

» देवता – विवुध, अजर, निर्जर, अमर, त्रिदश, सुर, अमर्त्य, देव।

» दरवाजा – द्वार, पल्ला, कपाट, किवाड़ ।

»दिन – वार, दिन, वासर, अहन।

पर्यावची शब्द की परिभाषा (Paryayvachi Shabd Ki Paribhasha)

समान अर्थ बताने वाले शब्दों को पर्यायवाची शब्द कहा जाता है। पर्यायवाची शब्द को तीन भागों में बांटा जा सकता है-

1. पूर्ण पर्याय 

वाक्य में यदि एक शब्द के स्थान पर दूसरा शब्द रखा जा सके और अर्थ में कोई अंतर न पड़ता हो, तो यह उसका पूर्ण पर्याय है। जैसे- जलज, वारिज।

2. पूर्णापूर्ण पर्याय 

जो एक तरह से तो पूर्ण पर्याय हो, किंतु दूसरे प्रसंग में समानार्थक न रह पाए जैसे- फोटो टांगना के स्थान पर फोटो लटकाना कह दें तो वही अर्थ प्राप्त होता है, परंतु ”वह मुंह लटकाए बैठा है” के स्थान पर वह “मुंह टांगे बैठा है” नही कह सकते।

3. अपूर्ण पर्याय

समानार्थक शब्द होते हुए भी अर्थ अलग- अलग हो।


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दुख –

एक’ मनोदशा है। दुख सामना हर मनुष्य को करना पड़ता है। दुख के होने पर मानव का जीवन अत्यन्त कठिन हो जाता है। दुख के एक से अधिक नाम हैं। जिन्हें हम दुख के पर्यावाची शब्द कहते हैं।

दुख के पर्यावाची शब्दों से बनने वाले वाक्य-

  1. मनुष्य का जीवन दुखों से भरा है।
  2. बिमारी की वजह से वह तकलीफ में है।
  3. उसके घर में मातम छाया हुआ है।
  4. नेता जी के मृत्यु पर शोक सभा है।
  5. चोट की वजह से जानवर बड़े कष्ट में हैं।
  6. मुझे खेद है कि मैं तुम्हारे घर नही आ सका।
  7. उसने अपनी व्यथा रो-रो कर सुनाई।
  8. दुश्यंत इस समय बहुत बड़ी विपत्ति में फंस गया है।
  9. विपदा कभी बता कर नही आती
  10. मेरे जीवन में तुम्हारे आने से अशांति आ गयी है।

दुख का कारण एवं निवारण –

दुख का सबसे बड़ा कारण किसी भी चीज की चाह, या कामना होता है। जब हम किसी भी चीज को पाने की उच्छ अथवा कामना करते हैं और वो न मिले तो हमें दुख होता है। और यदि हम अपने जीवन में इच्छाओं को काबू में रख ले तो बहुत हद तक दुःख का निवारण भी हो सकता है।

FAQ

Ques – दुःख का पर्यावाची शब्द ?

कष्ट, परेशानी, तकलीफ, अवसाद, क्लेश, विपदा, अशांति, व्यथा, शोक, संताप, मातम, पीर, खेद, विपत्ति, संकट, संताप, विषाद, गम, दुख

निष्कर्ष – दोस्तों मैं उम्मीद करता हूँ कि आपको यह लेख पसंद आया होगा। लेख में प्रयास किया गया है कि कोई मानवीय त्रुटि न हो किन्तु आपको यदि कहीं भी कोई त्रुटि दिखी हो तो हमे कमेंट करके बताए।

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